उस्ताद (Teacher) को हक़ीर समझने का अंजाम/Apne Ustad Ko Haqeer (Hakeer) Samajhne Ka Anjam

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उस्ताद (Teacher) को हक़ीर समझने का अंजाम/Apne Ustad Ko Haqeer (Hakeer) Samajhne Ka Anjam

Ustad Ko Haqeer (Hakeer) Samajhne Ka Anjam

उस्ताद को हक़ीर (कमतर) समझने पर मुसीबतें: जनाब रिसालत मआब ( सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ) ने फ़रमाया है जो शख्स अपने उस्ताद को हक़ीर जाने उसको अल्लाह तआला बारह (१२) मुसीबतों यानी बलाओं में मुब्तिला करता है-


  1. वह शख्स जो इ़लम हासिल करेगा भूल जाएगा
  2. उसका रिज़्क़ जाता रहेगा
  3. उसकी उ़म्र कम होगी
  4. उसके चेहरे से नेकी और सआ़दत की रौनक़ ख़त्म हो जाएगी
  5. उसको इ़बादत-ए-इलाही की तौफीक़ ना होगी
  6. हमेशा शैतान के मकरो फरेब में मुब्तिला रहेगा
  7. जान निकलने के वक़्त उसकी ज़बान कलिम-ए-शहादत के लिए गूंगी हो जाएगी
  8. उसका दिल मारिफ़त-ए-इलाही के लिए हाज़िर न होगा
  9. दुनिया से ईमान के बग़ैर उठेगा
  10. उसकी क़ब्र इस क़दर तंग होगी कि उसकी हड्डियां, पसलियां चूर-चूर हो जाएंगी
  11. फ़ासिक़ों और बदकारों के साथ में उसका हश्र होगा
  12. हमेशा दोज़ख़ में रहेगा

(तज़्किरतुल वाइ़ज़ीन) और (सुन्नी इस्लाह़े उम्मत)


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