Khuda Ki Rahamat Se Mahroomi
ख़ुदा की रह़मत से मह़रूमी: दुनिया के अंदर तमाम काम इंसान ऐसे करता है, जिससे अल्लाह तआ़ला और उसका रसूल नाराज़ हो जाता है और फिर इंसान उसकी रह़मत से मेह़रूम भी हो जाता है यहां पर कुछ चीज़ों का ज़िक्र किया जाता है -
फ़क़ीह़ अबुल्लैष अलैहिर्रह़म: का क़ौल है कि "जिन लोगों में ये सात बुरी आदतें होंगी उस पर अल्लाह ताला की रह़मत का नुज़ूल ना होगा -
- माल जमा करने की तमअ़ यानी लालच।
- कषरत से हंसना (यानी ज़्यादा हंसना)।
- लोगों पर बग़ैर किसी सबब के तोहमत लगाना।
- गै़र मह़रम औरत को देखना।
- नफ़्सानी ख़्वाहिशों और शहवतों में मुब्तिला रहना।
- नमाज़े बा-जमात की तकबीरे औआ हो जाना।
- लोगों की ग़ीबत करना।
( सुन्नी इस्लाह़े उम्मत )
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